Monday, December 4, 2023

भाषा-प्रौद्योगिकी का परिचय (Free MOOC offered through SWAYAM)

हिंदी माध्यम से बहुविषयी अद्यतन ज्ञान निःशुल्क हासिल करने का अवसर : 

स्वयं (SWAYAM) पोर्टल द्वारा संचालित 

भाषा-प्रौद्योगिकी का परिचय पाठ्यक्रम

जब चाहें जहाँ चाहें कुछ समय व्यतीत करते हुए 

ऑनलाइन निःशुल्क पाठ्यक्रम में शामिल होकर लाभान्वित हो सकते हैं ... 

Massive Open Online Course (MOOC) offered through 

SWAYAM Platform of Ministry of Education, Govt. of India

 FREE Course sponsored by UGC - CEC (https://onlinecourses.swayam2.ac.in/cec24_lg06/preview) 

भाषा-प्रौद्योगिकी का परिचय 

(Bhasha Proudyogiki ka Parichay)

(Introduction to Language Technology)  

By Dr. C. Jaya Sankar Babu   |   Pondicherry University 

हम आपस में विचार-विनिमय के लिए भाषा का प्रयोग करते हैं ।  मानव भाषा की कई विशिष्टताएँ हैं ।  मानव भाषा के वैज्ञानिक अध्ययन के लिए भाषाविज्ञान का विकास हुआ है ।  भाषाविज्ञान के अनुसार भाषा मानव की अर्जित संपत्ति है ।  अर्थात् भाषा को हम सप्रयास अभ्यास से सीखते हैं ।  आज हम कई कार्यों में कंप्यूटर का प्रयोग कर रहे हैं ।  कंप्यूटर की भाषिक क्षमता के विकास का कार्य भाषा-प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया जाता है ।  यह एक अंतर्विषयी ज्ञान शाखा है ।  इसमें भाषाविज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान के अनुप्रयोग से कंप्यूटर भाषिक क्षमता विकसित करने का प्रयास किया जाता है ।  इसे 'कंप्यूटरीय भाषाविज्ञान' भी कहा जाता है ।  कंप्यूटर की भाषिक क्षमता के विकास की प्रक्रिया को 'प्राकृतिक भाषा संसाधान' के रूप में माना जाता है ।  तकनीकी परिवेश की दृष्टि से मानव भाषा को ही 'प्राकृतिक भाषा' कहा जाता है ।  कंप्यूटर की भाषिक क्षमता के विकास का कार्य-क्षेत्र प्राकृतिक भाषा संसाधन (Natural Language Processing) के रूप में माना जाता है ।   

कंप्यूटरीय परिवेश में मानव भाषा के प्रयोग के लिए तथा कंप्यूटर को मानव भाषा के सभी दृष्टियों से प्रयोग में कुशल बनाने के लिए विकसित ज्ञान की शाखा भाषा-प्रौद्योगिकी है ।  कंप्यूटरीय भाषविज्ञान के सैद्धांतिक सूत्रों के आधार पर व्यावहारिक भाषिक मॉडल विकसित करते हैं । भाषा-संसाधन कार्यों को सफलतापूर्वक सुसंपन्न करने में 'प्राकृतिक भाषा संसाधन' की बड़ी भूमिका है ।  कंप्यूटर तथा वेब पर उपलब्ध भाषिक सामग्री के संसाधन के लिए हमें अपेक्षित सॉफ्टवेयर उत्पादों के विकास के लिए प्राकृतिक भाषा-संसाधन का सहारा लेने की ज़रूरत पड़ती है ।

प्राकृतिक भाषा संसाधन भाषा-प्रौद्योगिकी आधारित कंप्यूटरीय भाषावैज्ञानिक प्रक्रिया होने की वजह से इससे कंप्यूटर की भाषिक क्षमता  विकासित करने का प्रयास किया जाता है ।  चूँकि भाषा-प्रौद्योगिकी के विकास में विभिन्न ज्ञान की शाखाओं के विशेषज्ञों की आवश्यकता है, और इन विशेषज्ञों को भाषा प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अपेक्षित ज्ञान, कुशलताओं की भी बड़ी ज़रूरत है ।  कंप्यूटर प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के साथ भाषा-वैज्ञानिकों, भाषिक प्रयोग व्यवहार ज्ञान के विशेषज्ञों को काम करने की ज़रूरत है ।  विभिन्न भाषाओं के लिए भाषा प्रौद्योगिकी के विकास के लिए कुशल जनबल की ज़रूरत है जो उन भाषाओं में प्रवीण होने के साथ-साथ भाषा प्रौद्योगिकी के मूलभूत सिद्धांतों, कंप्यूटरीय भाषाविज्ञान, प्राकृतिक भाषा संसाधन की तमाम प्रक्रियाओं, उद्देश्यों, लक्ष्यों से भली-भाँति परिचित हो ।  प्राकृतिक भाषा संसाधन के कार्यों के ज्ञाता होने से वे अपनी भूमिका भली-भाँति निभा सकते     हैं ।  ऐसे कुशल जनबल को तैयार करने की दृष्टि से 'भाषा-प्रौद्योगिकी का परिचय' के शीर्षक से यह पाठ्यक्रम विकसित किया गया है ।    

केवल सैद्धांतिक बातों तक सीमित न होकर इसमें ठोस उत्पादों, सुविधाओं की भी चर्चा शामिल है, जिसकी वजह से औसत छात्र भी इस विषय की ओर आकर्षित हो सकता है ।  भाषा-प्रौद्योगिकी संबंधी चेतना और कुशलताओं को विकसित करने के लिए उत्सुक छात्र इस पाठ्यक्रम में शामिल हो सकते हैं ।  कंप्यूटर व भाषा संबंधी सामान्य परिचय से शुरू करके हम भाषा-प्रौद्योगिकी का विषय-ज्ञान हासिल करने में आगे बढ़ेंगे । 

MOOC on BHASHA PROUDYOGIKI KA PARICHAY is developed with a motive to develop awareness of the following broad areas:  

1. कंप्यूटर – भाषा – सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी 

2. कंप्यूटरीय भाषाविज्ञान का परिचय 

3. प्राकृतिक भाषा संसाधन की भूमिका 

4. कंप्यूटरीय भाषाविज्ञान के उत्पादों का सामान्य परिचय 

5. हिंदी के लिए कंप्यूटरीय भाषाविज्ञान के उत्पाद 

(Topics covered are specified in the Detailed Course Syllabus) 

पाठ्यक्रम के उद्देश्य  

भाषा-प्रौद्योगिकी की अवधारणा, उद्देश्य व लक्ष्यों से अवगत कराना । 

भाषा-प्रौद्योगिकी के विकास में भाषाविज्ञान के ज्ञान की उपयोगिता की जानकारी देना । 

भाषावैज्ञानिक सिद्धांतों के आधार पर कंप्यूटरीय परिवेश में भाषिक  पहलुओं पर प्रभाव से संबंधित जानकारी देना । 

प्राकृतिक भाषा संसाधन की अवधारणा स्पष्ट करना तथा इसमें कृत्रिम बुद्धि की भूमिका को स्पष्ट करना । 

प्राकृतिक भाषा संसाधन के कार्यों, प्रक्रियाओं और उत्पादों से संबंधित तार्किक ज्ञान प्रदान करना । 

हिंदी भाषा के लिए प्राकृतिक भाषा संसाधन के द्वारा विकसित उत्पादों, सुविधाओं की जानकारी देना । 

हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के भाषा-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में सरकारी तथा निजी प्रयासों के संबंध में जानकारी देना । 

अध्ययन के परिणाम 

भाषा-प्रौद्योगिकी का परिचय पाठ्यक्रम के अध्ययन के बाद छात्र... 

भाषाविज्ञान की अनुप्रायोगिक शाखा के रूप में कंप्यूटरीय भाषाविज्ञान के विकास की जानकारी दे पाएंगे । 

कंप्यूटरीय अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त भाषिक मॉडलों के विकास की प्रेरणा हासिल करेंगे । 

कृत्रिम बुद्धि के अनुप्रयोगों की जानकारी दे पाएंगे । 

प्राकृतिक भाषा संसाधन के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाने के लिए आवश्यक चेतना व प्राथमिक कुशलताएँ हासिल कर पाएंगे । 

भाषा-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्च स्तरीय ज्ञान व उन्नत कुशलताएँ हासिल करने की प्रेरणा हासिल करेंगे । 

इस ज्ञान के क्षेत्र में रोज़गार के लिए प्रयास कर सकेंगे । 

Summary 

Course Status :Upcoming 

Course Type :Elective 

Duration :15 weeks 

Category : Multidisciplinary  

Credit Points: 5 

Level :Undergraduate/Postgraduate  

Start Date :16 Jan 2024 

End Date : 30 Apr 2024 

Link for enrolment: 

https://onlinecourses.swayam2.ac.in/cec24_lg06/preview 

पाठ्यक्रम संयोजक: डॉ. सी. जय शंकर बाबु